रासायनिक परिवर्तन किसे कहते हैं?
रासायनिक परिवर्तन वह परिवर्तन है जिसमें एक या एक से अधिक नए पदार्थ बनते हैं। रासायनिक परिवर्तन को रासायनिक अभिक्रिया भी कहा जाता है।
उदाहरण:
- लोहे पर जंग लगना: जब लोहा हवा में मौजूद ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो जंग (लौह ऑक्साइड) बनता है।
- अगरबत्ती का जलना: जब अगरबत्ती जलाई जाती है, तो वह कार्बन डाइऑक्साइड, पानी और अन्य गैसों में बदल जाती है।
- दूध का फटना: जब दूध में दही या नीबू का रस मिलाया जाता है, तो दूध के प्रोटीन जमा हो जाते हैं और दूध फट जाता है।
- भोजन का पचना: जब हम भोजन करते हैं, तो हमारे शरीर में मौजूद एंजाइम भोजन को छोटे-छोटे अणुओं में बदल देते हैं, जिन्हें शरीर आसानी से अवशोषित कर सकता है।
- फलों का पकना: जब फल पकते हैं, तो उनमें मौजूद स्टार्च शर्करा में बदल जाता है।
रासायनिक परिवर्तन की विशेषताएं:
- रासायनिक परिवर्तन में नए पदार्थों का निर्माण होता है।
- रासायनिक परिवर्तन अपरिवर्तनीय होते हैं, यानी नए पदार्थों को वापस मूल पदार्थों में नहीं बदला जा सकता है।
- रासायनिक परिवर्तन में ऊर्जा का अवशोषण या उत्सर्जन होता है।
- रासायनिक परिवर्तन में पदार्थों के रंग, गंध, स्वाद और अन्य गुणों में परिवर्तन होता है।
भौतिक परिवर्तन और रासायनिक परिवर्तन में अंतर:
भौतिक परिवर्तन वह परिवर्तन है जिसमें पदार्थ का आकार, रूप या अवस्था बदलती है, लेकिन पदार्थ का रासायनिक स्वरूप नहीं बदलता है। भौतिक परिवर्तन परिवर्तनीय होते हैं, यानी पदार्थ को वापस उसकी मूल अवस्था में बदला जा सकता है।
उदाहरण:
- बर्फ का पिघलना
- पानी का उबलना
- लकड़ी का टुकड़ों में कटना
- लोहे का तार खींचकर पतला करना
निष्कर्ष:
रासायनिक परिवर्तन और भौतिक परिवर्तन, दोनों ही हमारे आसपास हर जगह होते हैं। रासायनिक परिवर्तन में नए पदार्थों का निर्माण होता है, जबकि भौतिक परिवर्तन में पदार्थ का रासायनिक स्वरूप नहीं बदलता है।
Related Post